इंजीनियरिंग छात्रा की चुदाई सेक्स कहानियाँ - Malayalam sex stories

इंजीनियरिंग छात्रा की चुदाई सेक्स कहानियाँ

sexstories

Administrator
Staff member
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]हेल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम रोहित है और मेरी पिछली कहानियों पर आपने जो मेल दिए उनके लिए आपका बेहद शुक्रिया ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तो अब सीधे सीधे पेश है एक और बिल्कुल सच्ची और ताज़ी कहानी ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]वैसे अपने बारे में एक बार फ़िर से बता दूँ, मेरी उम्र २४ साल है और मैं दिल्ली में रहता हूँ अच्छी सुडौल शरीर है और सुंदर लड़कियां देखते ही मेरा मन उन पर फिसल जाता है।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]दरअसल हुआ यूँ कि मैं एक दिन अपने कुछ दोस्तों के साथ शाम के वक्त क्रिकेट खेल रहा था। ग्राउंड के ठीक बाएँ हाथ पर कोने पर एक काफ़ी शॉप है। उसके सामने कुछ लड़कियाँ खड़ी लगातार मेरी ओर देखे जा रही थी और आपस में बात भी कर रही थी (शायद मेरे बारे में)[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मेरे दोस्त बार बार मुझ पर ताने कस रहे थे। इसी बीच उनकी तरफ़ गेंद चली गई और मैं गेंद उठाने के लिए उनकी तरफ़ चला गया। लड़कियाँ इंजीनियरिंग की स्टूडेंट्स थी और शायद टयूशन पढ़ने के लिए यहाँ आई हुई थी। टयूशन सेंटर साथ में ही था और वो शायद किसी और सहेली का इंतज़ार कर रही थी।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उनमें से ठीक एक के पैरों में गेंद जा कर गिरी, उसके एक स्कर्ट और टॉप पहना था और स्लीव लेस जैकेट पहनी हुई थी। बला की खूबसूरत लग रही थी और रंग संगमरमर की तरह गोरा था। उसकी गोरी गोरी टांगों के पास गेंद जाते ही मेरा मन मचला मगर मैंने उससे कहा- मैडम क्या आप गेंद उठा कर दे देंगी प्लीज़?[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]वो झुकी और झुकते ही उसकी गोरी छाती दिखाई देने लगी। उसने गेंद मेरी तरफ़ फेंक दी पर मेरी निगाहें उस पर ही टिकी थी। तब तो वो चली गई लेकिन मैं उसके टयूशन से लौटने का इंतज़ार करने लगा। हुआ वही ! वो वापिस आई अपने सहेलियों के साथ। कुछ दूर मैंने उसका पीछा किया लेकिन उसके बाद उसके सहेलियां दूसरे रास्ते पर चली गई और वो अकेली आगे बढ़ कर रिक्शा को हाथ देने लगी।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैंने बाईक तुंरत उसके सामने रोकी और सामने जाकर हल्की सी मुस्कान देकर मैंने कहा- कैन आई गिव यु अ लिफ्ट?[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उसने मुझे पहचान लिया और वो भी थोड़ा मुस्कुरा दी लेकिन फ़िर भी मेरे साथ जाने से मना करने लगी। मैंने बार बार उससे आग्रह किया तो वो मान गई और मैंने उसके घर पर उसे छोड़ा। रास्ते में जब उसके बूब्स मेरी कमर पर लग रहे थे तो मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था उससे मैंने उसका नंबर भी रास्ते में ही ले लिया।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]रात को मैंने उससे फ़ोन पर खूब बात की और अगले दिन फ़िर उसे छोड़ने के लिए चला गया। आज उसने मुझे चाय का न्योता दिया, मैंने भी हाँ कर दी। घर में अन्दर घुसा तो वहां केवल उसके एक सहेली ही थी। दरअसल वो पेईंग गैस्ट रहती थी। उसने अपने सहेली से मेरा परिचय करवाया और फ़िर उसके सहेली किसी काम से बाज़ार चली गई।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]ओह ! मैं आपको मेरी अप्सरा का नाम बताना तो भूल ही गया, उसका नाम था मीनू ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मीनू चाय बना कर ले आई और मेरे साथ बैठ गई। आज भी उसने स्कर्ट और टॉप ही पहने थे, लेकिन आज वाली स्कर्ट कुछ छोटी थी इसलिए जब वो बैठी तो मुझे उसके गोरी टांगों के साथ साथ उसकी जांघें भी दिखाई दे रही थी। हम कुछ बातें करने ही लगे थे कि मैंने सामने मेज पर रखा अखबार उठाने की कोशिश की और अनजाने में मेरा कोहनी उसके हाथ से टकरा गई और उसकी चाय उस पर गिर गई।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]चाय कुछ टॉप पर और कुछ स्कर्ट पर गिरी थी। वो जलन के मारे उठ कर खड़ी हो गई और तड़पने लगी। मैं भी घबरा गया और मैंने तुंरत उसका टॉप को थोड़ा सा ऊपर उठा दिया, उसने बिल्कुल मन नहीं किया क्योंकि उसको बहुत जलन हो रही थी। उधर जांघों की भी हालत ऐसी ही थी, इसलिए वो बार बार पैर पटक रही थी। तो मैंने स्कर्ट भी उठा दी और उसे बाथरूम में ले गया ताकि उस पर पानी डाल सकूँ।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं अपने हाथ में पानी लेकर पहले उसके पेट पर और पेट से कुछ ऊपर और फ़िर स्कर्ट को पूरी तरह से उठा कर उसकी टांगों पर और जाँघों पर पानी डाल रहा था। वो इस बीच केवल हल्के हल्के रो रही थी। यह सब कुछ ऐसे हो रहा था जैसे वो कोई छोटी बच्ची हो और मैं उसे बहला रहा हूँ और शर्म-हया जैसी कोई बात हमारे बीच में हो ही न।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब मैंने उससे पूछा- क्या तुम्हारे पास बर्नोल या कोई और क्रीम है?[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तो उसने कहा- हाँ है ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैंने क्रीम उससे ली और उससे कहा- अपनी टॉप उतार दो मैं क्रीम लगा देता हूँ।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मेरा मन अब बेईमान हो चुका था। पहले तो वो झिझकने लगी मगर फ़िर मान गई। मैंने उसे मसलना शुरू किया और धीरे धीरे हाथ ऊपर ला कर उसकी गुलाबी ब्रा के ऊपर से ही उसकी चुचियों को भी छेड़ देता। उसे भी शायद मज़ा आ रहा था।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]कुछ देर में उसने कहा- रोहित ! तुम करना क्या चाहते हो?[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं समझ गया कि उसके कहने का मतलब क्या है, मैंने कहा- वही जो तुम समझ रही हो।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उसने कहा- तो फ़िर खुल के करो ना ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब क्या था, मैंने काम शुरू कर दिया और सीधे उसके होठों पर किस कर दिया और उसके होठ चूसने शुरू कर दिए। उसका चेहरा लाल हो गया था। मेरे हाथ उसकी चूचियां मसल रहे था और अब मैंने उसकी ब्रा का हुक भी खोल दिया। क्या गज़ब का फिगर था उसका ! चुचियाँ एकदम गोल और संतरे जैसी एक दम टाइट ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैंने उसकी चुचियों को पीना शुरू कर दिया और वो मज़े से आह उह करने लगी। उसकी उंगलियाँ मेरे बालों में थी और वो बस गरम हो रही थी। मैंने तुंरत नीचे खिसक कर उसकी स्कर्ट बिल्कुल ऊपर कर दी और उसकी पैन्टी नीचे खींच दी। उसने मेरा मदद करते हुए अपनी पैंटी को टांगों से अलग करके फेंक दिया और अब वो बिल्कुल पूरी तरह से मेरे हवाले थी।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे जो बहुत खूबसूरत लग रहे थे। मैंने तुंरत उसकी चूत पर जीभ लगा दी और चूसना शुरू कर दिया। वो बिल्कुल मचल उठी। मीनू ने झटके से मेरा सर ऊपर उठाया और मेरा टी-शर्ट उतारने की कोशिश करने लगी। मैंने देर न करते हुए तुंरत अपनी टी-शर्ट और जीन्स उतार दी और अपना अंडरवियर भी उतार दिया।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मेरा लंड देखते ही वो मानो डर सी गई और कहने लगी- तुम इसे मत डालना प्लीज़ ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मेरे लंड का साइज़ ८ इंच है जो लगभग ३ इंच से ज़्यादा मोटा है। मैंने उसे थोड़ा सा प्यार किया उसके होठों पर दोबारा किस करना शुरू किया और इस बीच उसने मेरा लंड हाथ में ले लिया और उससे खेलने लगी। थोड़ी ही देर में वो मस्त हो चुकी थी और मैंने उसकी टांगें खोल कर लंड को उसकी चूत के मुंह पर लगा दिया।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उसकी चूत एक दम फ्रेश थी इसलिए लंड आसानी से जा नहीं रहा था। मैंने बहुत सारा थूक लेकर लंड पर और उसकी चूत पर लगाया और लंड को एक ज़ोरदार धक्का दिया और लंड अन्दर घुस गया लेकिन अभी भी लंड पूरा अन्दर नहीं गया था। वो दर्द के मारे चिल्ला उठी और बस यही कह रही थी- रोहित प्लीज़ ! ये मत करो रोहित ! मैं मर जाउंगी रोहित ! मेरा चूत फट जायेगी रोहित ! प्लीज़ मत करो रोहित ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]लेकिन मैने लंड बाहर नहीं निकाला और थोड़ी देर रुका रहा। जब वो कुछ सामान्य हो गई तो मैंने धीरे धीरे लंड हिलाना शुरू किया और उसके बाद उसे भी कुछ मज़ा आने लगा। मैंने उसे लगभग १५ मिनट तक खूब चोदा और इस दौरान वो ३ बार झड़ चुकी थी और अब मेरा भी पानी निकलने वाला था।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैंने तुंरत लंड बाहर निकाला और उसके मुंह के पास ले गया और उससे मुंह में लेने को कहा। वो मना करने लगी लेकिन फ़िर भी मैंने लंड उसके होठों पर लगा दिया तो वो मुंह में लेने लगी और फ़िर मेरा सारा पानी पी गई। उसके बाद उसने मेरा लंड खूब चूसा और मैंने उसे उसी दिन २ बार और भी चोदा।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब भी हमारी कहानी जारी है और मैं उसे बाईक पर उसके घर छोड़ने के लिए जाता हूँ और जिस दिन भी मौका होता है उसे खूब चोदता हूँ ! अपने विचार लिखें ![/font]
 
Back
Top