[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]"गुजरात में नवरात्री के कुछ माह बाद गर्भपात की संख्या में वृद्धि होती है !" गुजरात राज्य के बाल एवं महिला विकास मंत्री द्वारा दिए गए इस बयांन ने पुरे देश में बवाल खड़ा कर दिया! क्योंकी यह बयान गुजरात राज्य के मंत्री द्वारा दिया गया था इसलिए इसे प्रसारमध्यमो ने कुछ ज्यादा ही प्रसिद्धी दे दी! पूरा गुजरात नवरात्रि के तय्यारी में जुट गया था! गुजरात ही क्यों पूरा देश नवरात्री के स्वागत के लिए तैयार हो रहा था! सारे देश में नवरात्री अलग अलग ढंग से मनाई जाती है! पच्छिम बंगाल में देवी दुर्गा पूजा का आयोजन होता है! तामिलनाडू के घर घर में कोलू दिखाया जाता है! आंध्र, कर्नाटक और केरला में नवरात्री के नौ दिन और रात में अलग अलग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है! लेकिन गुजरात की बात ही कुछ और है! सारी गुजराती लडकिया और औरते नवरात्री में सारी रात गरबा एवं डांडिया खेलती है![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]हर एक लड़की या औरत डांडिया नाच के दौरान कहा जाती है, क्या करती है इस पर ध्यान रखना संभव नहीं होता! नवरात्री के कुछ माह बाद गुजराती नवयुवतियों के कतार निजी गर्भपात केन्द्रों के बाहर लग जाती है! कुछ पति और माँ बाप अपनी औरत या लड़की डांडिया नाच के दौरान कहा गायब हो जाती है इसपर ध्यान रखने के लिए निजी जासूसों का सहारा लेते है! अधिकतम महिलाये डांडिया नाच के दौरान गायब हो जाती है और जीवन का आनंद पा लेती है! यह औरते अपने मित्र, मालिक, सहकर्मी, नौकर या फिर अनजान व्यक्ति से भी अपने शरीर की भूक मिटती है!लड़किया और महिलाओ की तो आपस में यह स्पर्धा लगी रहती है की कौन ज्यादा से ज्यादा मर्दों से साथ रात बिताती है![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मुझे एक बार दिल्ली जाना था और में रात में मुंबई के एक होटल में ठहरा था! में भूल गया की वह नवरात्री का मौसम है और मेरे भाग्य में कुछ और ही लिखा था! मुझे सुबह की उड़ान पकड़नी थी इसलिए थोड़ी नींद मिलने के लिए में जल्दी सो गया! रात दस बजे मेरी नींद ढोल के आवाज ने तोड़ दी! में अपने बिस्तर में बैठकर सोचने लगा की क्या हुआ? में बाहर आया तो देखा नाच गाने की तय्यारिया हो रही थी! लोग समूह बना रहे थे!ढोलवाले जोर जोर से ढोल बजाकर लोगो का ध्यान आकर्षित करके उनको बुला रहे थे! फिर नाच गाना शुरू हो गया! वहा बहुत अदभुत नजारा था!मैंने सोचा ऐसे नज़ारे बार बार देखने को नहीं मिलते, इसलिए थोडा नाच गाना देख लू![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]खुबसूरत, प्यारी सूरत वाली लडकिया और भाभियाँ हात में डंडिया लेकर संगीत के ताल पर नाच रही थी! मैंने उन्हे हात हिलाकर हैलो किया और हवा में इशारा करके फ़्लाइंग किस दिया! दो तीन लड़कियोने मेरे इशारो को हसकर प्रतिसाद दिया! पूरा गाना खत्म होने में एक घंटा लगा! फिर नया समूह बनाना सुरु हो गया![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अचानक एक लड़की जिसने मेरे इशारे को प्रतिसाद दिया था मेरे पास आयी और मुझसे गुजराती में कुछ बोलने लगी! में समझ नहीं पाया वो क्या बोल रही है इसलिए मैंने हिंदी में उसे पुछा तुजे क्या चाहिए? उसने मुझे पुछा क्या आप इस होटल में ठहरे हुए है? मैंने कहा हाँ? उसने पुछा क्या में आपके रूम में पानी पिने आ सकती हूँ? में बोला हां हां क्यों नहीं! में मेरी रूम की तरफ जो की पहले माले पर था दौड़ते हुए निकल पड़ा! वह लड़की मेरे पीछे पीछे दौड़ती हुई आ गई! मैंने दरवाजा खोला और जग में से पानी निकालकर ग्लास में भरकर उसे देने निकला! पर वो वहाँ नहीं थी वो मेरे बिस्तर में लेट गयी थी! वो बोली में बहूत थक गयी हु थोडा लेट जाती हु![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]में उसके बाजु में बैठ गया! मेने देखा की वो एक २० साल के करीब की अच्छे खानदानी लड़की थी! बड़ी चूचियां, पतला पेट और कमर, बहोत मेकप! उसका ब्लाउज जो की बहोत सारे सजावटी सामान के सजा हुवा था, उसे अन्दर से चुभ रहा था! इसलिए उसने अपने ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिए! अब उसकी बड़ी बड़ी चूचियां ब्रा से बाहर झांक रही थी! मैंने उससे पुछा क्या में तुम्हारी ब्रा खोलने में मदत कर सकता हु? उसने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा और अपनी पीठ मेरे तरफ कर दी! मैंने झट से उसके ब्लाउज के निचले भाग को थोडा ऊपर किया और ब्रा का हूक खोजकर उसे खोल दिया! फिर वो पीठ के बल लेट गयी और मेरी तरफ आशा से देखने लगी! रूम का ऐसी फुल स्पीड पर था और रूम काफी ठंडा था! मैंने अपना हाथ उसके चुचियों पर गोलाकार घुमाना शुरू कर दिया! वो अपनी आखें थोड़ी मूंदकर मेरे स्पर्श का आनंद ले रही थी! उसके निप्पल कड़े हो गए थे! मुझे इतना इशारा काफी था, वो मेरे बिस्तर पर अपने पैर थोड़े फैलाकर मुझे निमंत्रित कर रही थी![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]में उसके सामने आ गया और थोडा झुककर उसके चुचियों को अपने मुह में लेकर चूसने लगा! वो गरम सांसे निकालकर मेरे लैंड की तलाश में अपना हाथ मेरे पायजामे के नाड़े तक लेकर गई और मेरा नाडा खोलकर मेरा तना हुआ लंड अपने हात में पकड़ लिया! उसके इस आक्रमकता से में हैरान हो गया! मैंने भी अपनी आक्रमकता बधाई और उसका स्कर्ट और पेटीकोट ऊपर किया! अब उसकी खुबसूरत जांगे दिखाई दे रही थी! उन्हें सहलाने का मोह दबाकर मैंने उसकी गीली चड्डी उतार दी! मेरे सामने क्लीन शेव सुनहरी रंग की चूत थी! मैंने उसके पैरो को थोडा फैलाकर आगे की तैयारी सुरु कर दी! वो बोली जल्दी करो लोग मुझे ढूँढ़ते होंगे! मैंने अपना तना हुआ लंड उसके चूत के मुह पर रखकर जोर का झटका देकर अपना लंड उसके चूत में पूरा घुसा दिया! वो लड़की कुवारी तो नहीं थी लेकिन उसकी चूत काफी सख्त थी! उसकी सख्त चूत का में पूरा मजा ले रहा था![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उसके मुह से अब जोर जोर से आहे निकल रही थी! मैंने उसे बहोत आराम से चोदा! मेरा एक हात उसकी चूत को बाजु से रगड़ रहा था! जैसे ही मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में छोडा वो आनंद के चरम सीमा तक पुहुच गयी! मुझे जड़ने में दस मिनट लगे और इस दौरान वो दो बार आनंद के चरम सीमा तक पहुच गयी! जब मैंने अपना लंड बाहर निकला तो उसने झट से बाथरूम कहा है पुछा, बाथरूम में गई और अपने को साफ किया, कपडे सवारकर बाहर आ गयी! मेरे गाल पर चुम्बन देकर मुझे धन्यवाद दिया, और बाहर भाग निकली! में उसे जाते हुए देख रहा था वो कब और कहाँ अँधेरे में भीड़ में खो गई मुझे पता नहीं लगा! में तो उसका नाम भी पूछना भूल गया![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मेरे भाग्य में उस रात और एक लड़की थी! मुझे नींद नहीं आ रही थी इसलिए मैंने टाइमपास के लिए अपने लैपटॉप पर गूगल और याहू पर सर्फ़ करना शुरू किया! मैंने 'नवरात्री गर्भपात', 'नवरात्री कंडोम्स' इन शब्दों से गूगल और याहू पर सर्च करके गुजरात के संस्कृति के बारे में अनेक नए आयामोपर जानकारी प्राप्त की! थोड़ी देर बाद मैंने देखा की और एक लड़की मेरे रूम के तरफ दौड़ती हुई आ रही थी! में सोच में पड़ गया कि यह लड़की ठीक मेरे कमरे के तरफ ही कैसे आ रही है, में तो इसे नहीं जानता शायद ये पहले वाले लड़की कि दोस्त होगी! में उसके स्वागत के लिए दरवाजे पर खड़ा हो गया! उसने पिने के लिए पानी माँगा तो मेरा शक यकीन में बदल गया! में उसे बोला ठीक है अन्दर आओ! यह लड़की भी पहली वाली लड़की के उम्र के आसपास कि थी! वो दौड़कर सीधा बेडपर लेट गयी! मैंने उसे ग्लास भरकर पानी दिया जो उसने एक ज़टके में पी लिया! मैंने अपना हाथ उसके पेट के ऊपर रख दिया तो उसने मेरे को मुस्कुराकर देखा! मैंने उसे पुछा क्या तुम्हारी दोस्त ने तुमे मेरे पास पानी पिने भेजा है, वो मुस्काराकर हां बोली! में बोला ठीक है तो फिर मुड जाओ ताकि में तुम्हारे ब्रा का हूक खोल सकु![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]वो मुड गयी और अपनी पीठ मेरे तरफ कर दी! मैंने ब्रा का हूक निकलके उसके चूचियों को ब्रा के चंगुल से मुक्त कर दिया! उसके निप्पल पहले से ही कड़े हो चुके थे! मैंने ज़ुखकर उनको चूसना चालू कर दिया! मैंने उसके स्कर्ट और पेटीकोट को ऊपर करके उसकी गीली चड्डी को उतार दिया! यह लड़की बहुत ही कामुक और कामक्रीड़ा में सहयोग देने वाली थी! उसने मेरे लंड को पकड़कर अपने चूत के छेद पर रख दिया और मुझे सुजाव दिया के में पीठ के बल लेट जाऊ और वो मेरे ऊपर घुड़सवारी करेगी! मैंने कहा ठीक है, जीवन में कभी कभी बदलाव अच्छा रहता है! यह लड़की जिसका नाम रति था उसने एक ही झटके में मेरा लंड अपने चूत में घुसाकर मुझे चोदना शुरू कर दिया! मुझे अनुभव हुआ कि वह एक तरबेज घुड़सवार है! मैंने उसकी चूचियों और निप्पलस को दबोचकर उसे प्रोसाहन दिया! बाहर के संगीत के लय में वो अपने बदन को हिला रही थी! उसके मुह से जोर जोर से ऑहे निकल रही थी! आखीर में जब वो आनंद के चरम सीमा तक पुह्ची तो उसने अपनी चूत मेरे लंड के बाहर निकल ली! मैंने उसे दुबारा चोदने कि इच्छा जताई तो उसने कहा अभी नहीं लोग उसे ढूँढ़ते होंगे, बाद में वो फिर आयेगी![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]वो बिस्तर से कूदी बाथरूम में गयी अपने को साफ किया, कपडे सवारे! मेरे गाल पर चुम्बन देकर मुझे धन्यवाद् दिया और भीड़ में खो गयी! रात के एक बज चुके थे! मुझे बाद में उस रात और कोई लड़की नहीं मिली और मुझे भी सुभह कि उडान पकड़नी थी! इस दो लडकियों को चोदने का भाग्य मिलने से में खुश था! मैंने दिए बूजा दिए और भविष्य कि नवरात्री कि सारी राते फिर इसी होटल में बिताने के संकल्प करके में सो गया![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]हर एक लड़की या औरत डांडिया नाच के दौरान कहा जाती है, क्या करती है इस पर ध्यान रखना संभव नहीं होता! नवरात्री के कुछ माह बाद गुजराती नवयुवतियों के कतार निजी गर्भपात केन्द्रों के बाहर लग जाती है! कुछ पति और माँ बाप अपनी औरत या लड़की डांडिया नाच के दौरान कहा गायब हो जाती है इसपर ध्यान रखने के लिए निजी जासूसों का सहारा लेते है! अधिकतम महिलाये डांडिया नाच के दौरान गायब हो जाती है और जीवन का आनंद पा लेती है! यह औरते अपने मित्र, मालिक, सहकर्मी, नौकर या फिर अनजान व्यक्ति से भी अपने शरीर की भूक मिटती है!लड़किया और महिलाओ की तो आपस में यह स्पर्धा लगी रहती है की कौन ज्यादा से ज्यादा मर्दों से साथ रात बिताती है![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मुझे एक बार दिल्ली जाना था और में रात में मुंबई के एक होटल में ठहरा था! में भूल गया की वह नवरात्री का मौसम है और मेरे भाग्य में कुछ और ही लिखा था! मुझे सुबह की उड़ान पकड़नी थी इसलिए थोड़ी नींद मिलने के लिए में जल्दी सो गया! रात दस बजे मेरी नींद ढोल के आवाज ने तोड़ दी! में अपने बिस्तर में बैठकर सोचने लगा की क्या हुआ? में बाहर आया तो देखा नाच गाने की तय्यारिया हो रही थी! लोग समूह बना रहे थे!ढोलवाले जोर जोर से ढोल बजाकर लोगो का ध्यान आकर्षित करके उनको बुला रहे थे! फिर नाच गाना शुरू हो गया! वहा बहुत अदभुत नजारा था!मैंने सोचा ऐसे नज़ारे बार बार देखने को नहीं मिलते, इसलिए थोडा नाच गाना देख लू![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]खुबसूरत, प्यारी सूरत वाली लडकिया और भाभियाँ हात में डंडिया लेकर संगीत के ताल पर नाच रही थी! मैंने उन्हे हात हिलाकर हैलो किया और हवा में इशारा करके फ़्लाइंग किस दिया! दो तीन लड़कियोने मेरे इशारो को हसकर प्रतिसाद दिया! पूरा गाना खत्म होने में एक घंटा लगा! फिर नया समूह बनाना सुरु हो गया![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अचानक एक लड़की जिसने मेरे इशारे को प्रतिसाद दिया था मेरे पास आयी और मुझसे गुजराती में कुछ बोलने लगी! में समझ नहीं पाया वो क्या बोल रही है इसलिए मैंने हिंदी में उसे पुछा तुजे क्या चाहिए? उसने मुझे पुछा क्या आप इस होटल में ठहरे हुए है? मैंने कहा हाँ? उसने पुछा क्या में आपके रूम में पानी पिने आ सकती हूँ? में बोला हां हां क्यों नहीं! में मेरी रूम की तरफ जो की पहले माले पर था दौड़ते हुए निकल पड़ा! वह लड़की मेरे पीछे पीछे दौड़ती हुई आ गई! मैंने दरवाजा खोला और जग में से पानी निकालकर ग्लास में भरकर उसे देने निकला! पर वो वहाँ नहीं थी वो मेरे बिस्तर में लेट गयी थी! वो बोली में बहूत थक गयी हु थोडा लेट जाती हु![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]में उसके बाजु में बैठ गया! मेने देखा की वो एक २० साल के करीब की अच्छे खानदानी लड़की थी! बड़ी चूचियां, पतला पेट और कमर, बहोत मेकप! उसका ब्लाउज जो की बहोत सारे सजावटी सामान के सजा हुवा था, उसे अन्दर से चुभ रहा था! इसलिए उसने अपने ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिए! अब उसकी बड़ी बड़ी चूचियां ब्रा से बाहर झांक रही थी! मैंने उससे पुछा क्या में तुम्हारी ब्रा खोलने में मदत कर सकता हु? उसने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा और अपनी पीठ मेरे तरफ कर दी! मैंने झट से उसके ब्लाउज के निचले भाग को थोडा ऊपर किया और ब्रा का हूक खोजकर उसे खोल दिया! फिर वो पीठ के बल लेट गयी और मेरी तरफ आशा से देखने लगी! रूम का ऐसी फुल स्पीड पर था और रूम काफी ठंडा था! मैंने अपना हाथ उसके चुचियों पर गोलाकार घुमाना शुरू कर दिया! वो अपनी आखें थोड़ी मूंदकर मेरे स्पर्श का आनंद ले रही थी! उसके निप्पल कड़े हो गए थे! मुझे इतना इशारा काफी था, वो मेरे बिस्तर पर अपने पैर थोड़े फैलाकर मुझे निमंत्रित कर रही थी![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]में उसके सामने आ गया और थोडा झुककर उसके चुचियों को अपने मुह में लेकर चूसने लगा! वो गरम सांसे निकालकर मेरे लैंड की तलाश में अपना हाथ मेरे पायजामे के नाड़े तक लेकर गई और मेरा नाडा खोलकर मेरा तना हुआ लंड अपने हात में पकड़ लिया! उसके इस आक्रमकता से में हैरान हो गया! मैंने भी अपनी आक्रमकता बधाई और उसका स्कर्ट और पेटीकोट ऊपर किया! अब उसकी खुबसूरत जांगे दिखाई दे रही थी! उन्हें सहलाने का मोह दबाकर मैंने उसकी गीली चड्डी उतार दी! मेरे सामने क्लीन शेव सुनहरी रंग की चूत थी! मैंने उसके पैरो को थोडा फैलाकर आगे की तैयारी सुरु कर दी! वो बोली जल्दी करो लोग मुझे ढूँढ़ते होंगे! मैंने अपना तना हुआ लंड उसके चूत के मुह पर रखकर जोर का झटका देकर अपना लंड उसके चूत में पूरा घुसा दिया! वो लड़की कुवारी तो नहीं थी लेकिन उसकी चूत काफी सख्त थी! उसकी सख्त चूत का में पूरा मजा ले रहा था![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उसके मुह से अब जोर जोर से आहे निकल रही थी! मैंने उसे बहोत आराम से चोदा! मेरा एक हात उसकी चूत को बाजु से रगड़ रहा था! जैसे ही मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में छोडा वो आनंद के चरम सीमा तक पुहुच गयी! मुझे जड़ने में दस मिनट लगे और इस दौरान वो दो बार आनंद के चरम सीमा तक पहुच गयी! जब मैंने अपना लंड बाहर निकला तो उसने झट से बाथरूम कहा है पुछा, बाथरूम में गई और अपने को साफ किया, कपडे सवारकर बाहर आ गयी! मेरे गाल पर चुम्बन देकर मुझे धन्यवाद दिया, और बाहर भाग निकली! में उसे जाते हुए देख रहा था वो कब और कहाँ अँधेरे में भीड़ में खो गई मुझे पता नहीं लगा! में तो उसका नाम भी पूछना भूल गया![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मेरे भाग्य में उस रात और एक लड़की थी! मुझे नींद नहीं आ रही थी इसलिए मैंने टाइमपास के लिए अपने लैपटॉप पर गूगल और याहू पर सर्फ़ करना शुरू किया! मैंने 'नवरात्री गर्भपात', 'नवरात्री कंडोम्स' इन शब्दों से गूगल और याहू पर सर्च करके गुजरात के संस्कृति के बारे में अनेक नए आयामोपर जानकारी प्राप्त की! थोड़ी देर बाद मैंने देखा की और एक लड़की मेरे रूम के तरफ दौड़ती हुई आ रही थी! में सोच में पड़ गया कि यह लड़की ठीक मेरे कमरे के तरफ ही कैसे आ रही है, में तो इसे नहीं जानता शायद ये पहले वाले लड़की कि दोस्त होगी! में उसके स्वागत के लिए दरवाजे पर खड़ा हो गया! उसने पिने के लिए पानी माँगा तो मेरा शक यकीन में बदल गया! में उसे बोला ठीक है अन्दर आओ! यह लड़की भी पहली वाली लड़की के उम्र के आसपास कि थी! वो दौड़कर सीधा बेडपर लेट गयी! मैंने उसे ग्लास भरकर पानी दिया जो उसने एक ज़टके में पी लिया! मैंने अपना हाथ उसके पेट के ऊपर रख दिया तो उसने मेरे को मुस्कुराकर देखा! मैंने उसे पुछा क्या तुम्हारी दोस्त ने तुमे मेरे पास पानी पिने भेजा है, वो मुस्काराकर हां बोली! में बोला ठीक है तो फिर मुड जाओ ताकि में तुम्हारे ब्रा का हूक खोल सकु![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]वो मुड गयी और अपनी पीठ मेरे तरफ कर दी! मैंने ब्रा का हूक निकलके उसके चूचियों को ब्रा के चंगुल से मुक्त कर दिया! उसके निप्पल पहले से ही कड़े हो चुके थे! मैंने ज़ुखकर उनको चूसना चालू कर दिया! मैंने उसके स्कर्ट और पेटीकोट को ऊपर करके उसकी गीली चड्डी को उतार दिया! यह लड़की बहुत ही कामुक और कामक्रीड़ा में सहयोग देने वाली थी! उसने मेरे लंड को पकड़कर अपने चूत के छेद पर रख दिया और मुझे सुजाव दिया के में पीठ के बल लेट जाऊ और वो मेरे ऊपर घुड़सवारी करेगी! मैंने कहा ठीक है, जीवन में कभी कभी बदलाव अच्छा रहता है! यह लड़की जिसका नाम रति था उसने एक ही झटके में मेरा लंड अपने चूत में घुसाकर मुझे चोदना शुरू कर दिया! मुझे अनुभव हुआ कि वह एक तरबेज घुड़सवार है! मैंने उसकी चूचियों और निप्पलस को दबोचकर उसे प्रोसाहन दिया! बाहर के संगीत के लय में वो अपने बदन को हिला रही थी! उसके मुह से जोर जोर से ऑहे निकल रही थी! आखीर में जब वो आनंद के चरम सीमा तक पुह्ची तो उसने अपनी चूत मेरे लंड के बाहर निकल ली! मैंने उसे दुबारा चोदने कि इच्छा जताई तो उसने कहा अभी नहीं लोग उसे ढूँढ़ते होंगे, बाद में वो फिर आयेगी![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]वो बिस्तर से कूदी बाथरूम में गयी अपने को साफ किया, कपडे सवारे! मेरे गाल पर चुम्बन देकर मुझे धन्यवाद् दिया और भीड़ में खो गयी! रात के एक बज चुके थे! मुझे बाद में उस रात और कोई लड़की नहीं मिली और मुझे भी सुभह कि उडान पकड़नी थी! इस दो लडकियों को चोदने का भाग्य मिलने से में खुश था! मैंने दिए बूजा दिए और भविष्य कि नवरात्री कि सारी राते फिर इसी होटल में बिताने के संकल्प करके में सो गया![/font]