कविता का प्रोजेक्ट सेक्स कहानियाँ - Malayalam sex stories

कविता का प्रोजेक्ट सेक्स कहानियाँ

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[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मेरा नाम विकास है, मेरा कद ५'७" और मेरा लण्ड ६" का है। मैं गुड़गांव का रहने वाला हूँ। मैंने बहुत सी कहानियाँ पढ़ी तो मेरा भी मन एक कहानी लिखने को हुआ।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]हमारे पड़ोस में कविता नाम की एक लड़की रहती है। मैं उसे बचपन से जानता हूँ पर अब वो जवान हो गई है, उसकी फ़ीगर ३२ २८ ३० है। वो मुझे बहुत ही सेक्सी लगती है। मैं उसे बहुत पसन्द करता हूँ। वो अक्सर हमारे घर आती रहती है पर मेरी कभी उससे कुछ कहने की हिम्मत नहीं हुई।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]एक दिन उसकी मम्मी हमारे घर पर आई और उसने मुझे कहा कि कविता को इंटरनेट पर साइंस का प्रोजेक्ट निकालना है। वो मेरे पास इस लिए आई थी क्योंकि मैं कंप्यूटर हार्डवेयर नेट्वर्किंग का काम करता हूँ। मैं अन्दर से खुश हो गया।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]लेकिन मैंने ना जाने का बहाना बनाया। उसने कहा उसे बहुत जरुरी प्रोजेक्ट बनाना है। मैंने कहा- ठीक है।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]फ़िर मैंने उसे अपनी बाइक पर बिठाया और हम दोनों शोना चौक साइबर कैफे चले गए। हमने वहां प्राइवेट केबिन लिया, जैसे ही हम केबिन में गए तो देखा कि केबिन में एक ही कुर्सी थी, मैंने कैफे वाले से कहा तो उसने मना कर दिया क्योंकि उस दिन रविवार था और कैफे में बहुत भीड़ थी।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]जब मैंने कविता को कहा तो उसने कहा कोई बात नहीं हम एडजस्ट कर लेते हैं।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]हम केबिन में गए और मैंने केबिन का दरवाजा बंद कर दिया। केबिन की कुर्सी छोटी थी जिससे हम दोनों चिपक कर बैठ गए। उस दिन कविता ने सफ़ेद सुइट -सलवार पहनी थी। मेरी टांग उसकी टांग से चिपकी हुई थी, जिस से मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उस दिन शायद मेरी किस्मत अच्छी थी जिससे उसकी प्रोजेक्ट वाली साईट खुल नहीं रही थी। कुछ देर बाद उसने कहा कि प्रोजेक्ट साईट तो खुल नहीं रही चलो चलते हैं।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]लेकिन मैंने कहा कि मैं तब तक अपनी आइ.डी चेक कर लेता हूँ, तो वो मान गई।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]जैसे ही मैंने कीबोर्ड पर लिखना शुरू किया तो मेरा हाथ कविता के बूब्स पर लग गया। उसके बूब्स एक दम कड़क थे। फिर मैंने आपनी साईट खोली तो उसमे सेक्सी पिक्चर आई हुई थी। जैसे ही वो खुली तो मैंने उन्हें झट से बंद कर दिया।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उसने कहा- क्या था ये?[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैंने कहा- तुम्हारे मतलब की चीज नहीं है ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उसने कहा- दिखाओ तो सही ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैंने कहा- तुम बुरा तो नहीं मानोगी?[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उसने कहा- नहीं मानूंगी ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]फ़िर मैंने वो फोटो खोल दी। वो उसे देख कर शरमा गई और नज़रे नीचे झुका ली।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]फ़िर मैंने पूछा- तुम ऐसी फोटो पसंद करती हो क्या?[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उसने कहा- नहीं ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]फ़िर मैंने कहा- और देखना चाहती हो?[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तो उसने शरमाते हुए कहा- तुम्हारी मर्जी ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं समझ गया कि अब वो तैयार है। मैंने उसे और फोटो दिखाई फ़िर मैंने उसे पूछा कि तुमने कभी सेक्स किया है?[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उसने कहा- कभी नहीं ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैंने उसका हाथ अपने हाथ में लेकर कहा- कविता ! मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तो वो बोली- मैं भी ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तब मैंने झट से उसके गोरे गोरे गाल को चूम लिया। वो कितना शानदार पल था। हम दोनों बिल्कुल चिपके हुए थे।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]फ़िर हमारा समय समाप्त हो गया। हम घर के लिए निकल पड़े। मैंने उसे कहा कि कल मेरे घर पर आ जाना।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उसने कहा- ठीक है![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अगले दिन वो हमारे घर पर आ गई। घर पर कोई नहीं था, सब शादी में गए हुए थे। मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और चूमने लगा। मैंने उसके बदन को ऊपर से नीचे तक चूमा। उसने जीन्स और टोप पहना हुआ था।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]हम दोनों गर्म हो चुके थे। मैंने उसकी जीन्स और टोप उतार दिए, अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी में एकदम कयामत लग रही थी।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल कर चूचियों को चूसना शुरू किया तो चूसता ही रहा।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]फ़िर उसने कहा- जल्दी करो ! अब कन्ट्रोल नहीं हो रहा ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तो मैंने ज्यादा समय खराब ना करते हुए उसकी पैन्टी उतार दी। उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे और बहुत ही चिकनी थी। मैंने अपना लण्ड उसकी चूत पर टिकाया और अन्दर घुसाने लगा तो मेरा लण्ड अन्दर जा ही नहीं रहा था क्योंकि उसकी चूत बहुत ही तंग थी। मैंने थोड़ा सा तेल उसकी चूत पर लगाया और एक तकिया उसकी गाण्ड के नीचे लगा कर फ़िर से अपना लण्ड घुसाने लगा तो एक झटके में ही मेरा आधा लण्ड कविता की चूत में घुस गया और वो दर्द से चिल्ला पड़ी।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैंने अपने होंठों से उसका मुँह बन्द करने की कोशिश की तो वो रो पड़ी और रोते रोते बोली- बहुत दर्द हो रहा है ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]फ़िर मैं झटके मारने लगा तो उसको भी मज़ा आने लगा और उसके मुँह से सीऽऽ ओऽऽ ईऽ उईऽ आऽऽ की आवाज़ें आने लगी। वो सिसकारियाँ भरने लगी।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]दस मिनट के बाद मेरा निकल गया और वो भी झड़ चुकी थी।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]थोड़ी देर बाद हमने एक बार और मज़ा लिया। इस बार उसे ज्यादा मज़ा आया।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]फ़िर कपड़े पहन कर कविता अपने घर चली गई।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब हमें जब भी मौका मिलता है हम काम-क्रीड़ा का आनन्द लेते हैं।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मुझे आशा है कि आपको मेरी कहानी पसन्द आई होगी।[/font]
 
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