[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]हैलो दोस्तो ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]राधे राधे ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं मानव, मथुरा, उत्तर प्रदेश, भारत से ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]आप सब ने मेरी पहली कहानी 'भाभी के साथ पहला सेक्स' तो पढ़ी ही होगी।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]आपके उत्तर भी आए, धन्यवाद ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब उसके आगे की कथा सुनिए :[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं भाभी के साथ सेक्स करने के बाद तुरन्त घर गया और सोचता रहा कि क्या मुझसे सही हुआ या फ़िर मैंने गलत कर दिया। पर चुदाई के आगे किस की चलती है ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मुझे फ़िर कुछ दिनों बाद बहुत अच्छा मौका मिला। घर के सभी सदस्य शादी में शहर से बाहर गए हुए थे, मम्मी भाभी को घर की देखभाल के लिए छोड़ गई थी। मेरे पेपर चल रहे थे। मैं पेपर करते समय भी भाभी की चूत के बारे में ही सोचता रहा था।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]बस एक घण्टे बाद मैं घर पहुँच गया। भाभी नहाने के लिए जा रही थी। घर पहुँचते ही मैंने भाभी को अपनी बाहों में ले लिया, मेरी साँसें बहुत तेज़ चल रही थी। मुझे मालूम था कि आज मेरी प्यास जरूर बुझ जाएगी।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]फ़िर क्या था, मैंने भाभी के होंठों को चूमना शुरू कर दिया ! लग रहा था कि मानो वो होंठ नहीं गुलाब की पंखुड़ियाँ हों। धीरे धीरे मेरा लण्ड मिनार की तरह खड़ा हो गया।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]फ़िर मैंने उनके स्तनों को हल्के हल्के मसलना चालू किया। फ़िर मैंने उनके स्तन अनावृत किए- इतने गोरे गोरे ! चोटी से चुचूक ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं हब्शी की तरह उन पर टूट पड़ा, ऐसे जैसे कि किसी ने बरसों से खाना ना खाया हो। भाभी के स्तनों को मैं इतने ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था कि वि बुरी तरह काम्प रही थी।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]कभी स्तनों से दूध पीता तो कभी उनके होंठों को चूसता और दूसरे हाथ से स्तनों को मसल रहा था। मैं उनके स्तन को पूरा अपने मुँह में भर लेना चाहता था पर मेरी किस्मत ! स्तन बड़े थे और मेरा मुँह छोटा। पर कोई बात नहीं ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]फ़िर मैंने उनके मुंह में अपना प्यारा और सेक्सी लण्ड रख दिया और 69 की अवस्था में हो गया। उनकी चूत पे एक भी बाल नहीं था। मैं उनकी चूत इतने प्यार से चूस रहा था कि कि भाभी का एक बार तो निकल भी गया।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैंने उनकी चूत की दोनों पंखुड़ियों को अलग करके ऐसा चाटा जैसे कोई बिल्ली दूध को चाट जाती है। फ़िर धीरे धीरे मैंने उनकी चूत में उंगली घुसा दी। भाभी ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी और बीच ब्नीच में कभी मेरे लण्ड को जोर से काट भी लेती। मैं जल्दी जल्दी उनकी चूत में उंगली कर रहा था, बस भाभी और मैं साथ साथ ही गए।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]फ़िर भाभी ने मेरे लण्ड को दोबारा मिनार बनाया। मैंने उन्हें मेज़ पर बैठाया और अपनी मिनार को उनकी कोमल सी चूत में डाल दिया। बस कुछ देर बाद मैं नीचे हो गया और भाभी मेरे ऊपर जोर जोर से झटके मारने लगी। ऐसा मज़ा मेरे जीवन में कभी नहीं आया था।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]फ़िर मैंने भाभी की कुतिया वाले स्टाइल में चुदाई की, फ़िर हम दोनों ही पस्त हो गए। थोड़ी देर में भाभी नहाने के लिए चली गई और मैं भी उनके साथ गया था बाथरूम में। बस ये पल ही विशेष क्षण बन गए मेरे जीवन में ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब आप सोचेंगे कि क्या?[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]देखो?[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब मैं यह रहस्य यहीं छोड़ता हूँ।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अपनी प्रतिक्रिया लिखें[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]राधे राधे ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं मानव, मथुरा, उत्तर प्रदेश, भारत से ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]आप सब ने मेरी पहली कहानी 'भाभी के साथ पहला सेक्स' तो पढ़ी ही होगी।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]आपके उत्तर भी आए, धन्यवाद ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब उसके आगे की कथा सुनिए :[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं भाभी के साथ सेक्स करने के बाद तुरन्त घर गया और सोचता रहा कि क्या मुझसे सही हुआ या फ़िर मैंने गलत कर दिया। पर चुदाई के आगे किस की चलती है ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मुझे फ़िर कुछ दिनों बाद बहुत अच्छा मौका मिला। घर के सभी सदस्य शादी में शहर से बाहर गए हुए थे, मम्मी भाभी को घर की देखभाल के लिए छोड़ गई थी। मेरे पेपर चल रहे थे। मैं पेपर करते समय भी भाभी की चूत के बारे में ही सोचता रहा था।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]बस एक घण्टे बाद मैं घर पहुँच गया। भाभी नहाने के लिए जा रही थी। घर पहुँचते ही मैंने भाभी को अपनी बाहों में ले लिया, मेरी साँसें बहुत तेज़ चल रही थी। मुझे मालूम था कि आज मेरी प्यास जरूर बुझ जाएगी।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]फ़िर क्या था, मैंने भाभी के होंठों को चूमना शुरू कर दिया ! लग रहा था कि मानो वो होंठ नहीं गुलाब की पंखुड़ियाँ हों। धीरे धीरे मेरा लण्ड मिनार की तरह खड़ा हो गया।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]फ़िर मैंने उनके स्तनों को हल्के हल्के मसलना चालू किया। फ़िर मैंने उनके स्तन अनावृत किए- इतने गोरे गोरे ! चोटी से चुचूक ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं हब्शी की तरह उन पर टूट पड़ा, ऐसे जैसे कि किसी ने बरसों से खाना ना खाया हो। भाभी के स्तनों को मैं इतने ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था कि वि बुरी तरह काम्प रही थी।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]कभी स्तनों से दूध पीता तो कभी उनके होंठों को चूसता और दूसरे हाथ से स्तनों को मसल रहा था। मैं उनके स्तन को पूरा अपने मुँह में भर लेना चाहता था पर मेरी किस्मत ! स्तन बड़े थे और मेरा मुँह छोटा। पर कोई बात नहीं ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]फ़िर मैंने उनके मुंह में अपना प्यारा और सेक्सी लण्ड रख दिया और 69 की अवस्था में हो गया। उनकी चूत पे एक भी बाल नहीं था। मैं उनकी चूत इतने प्यार से चूस रहा था कि कि भाभी का एक बार तो निकल भी गया।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैंने उनकी चूत की दोनों पंखुड़ियों को अलग करके ऐसा चाटा जैसे कोई बिल्ली दूध को चाट जाती है। फ़िर धीरे धीरे मैंने उनकी चूत में उंगली घुसा दी। भाभी ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी और बीच ब्नीच में कभी मेरे लण्ड को जोर से काट भी लेती। मैं जल्दी जल्दी उनकी चूत में उंगली कर रहा था, बस भाभी और मैं साथ साथ ही गए।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]फ़िर भाभी ने मेरे लण्ड को दोबारा मिनार बनाया। मैंने उन्हें मेज़ पर बैठाया और अपनी मिनार को उनकी कोमल सी चूत में डाल दिया। बस कुछ देर बाद मैं नीचे हो गया और भाभी मेरे ऊपर जोर जोर से झटके मारने लगी। ऐसा मज़ा मेरे जीवन में कभी नहीं आया था।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]फ़िर मैंने भाभी की कुतिया वाले स्टाइल में चुदाई की, फ़िर हम दोनों ही पस्त हो गए। थोड़ी देर में भाभी नहाने के लिए चली गई और मैं भी उनके साथ गया था बाथरूम में। बस ये पल ही विशेष क्षण बन गए मेरे जीवन में ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब आप सोचेंगे कि क्या?[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]देखो?[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब मैं यह रहस्य यहीं छोड़ता हूँ।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अपनी प्रतिक्रिया लिखें[/font]